नवभारत टाइम्स: राजकोट:
Thursday, December 14, 2017.
एक
ओर जहां विधानसभा के लिए चुनावी जनसभाओं में राजनीतिक नेता जनता की सेवा करने के तमाम
वादे कर रहे हैं, राज्य के एक हिस्से में आई मुसीबत
की सुध लेने की किसी को फुर्सत नहीं। सुरेंद्रनगर के खाराघोड़ा में पिछले 20 दिन में नर्मदा का कई करोड़ गैलन पानी 400 नमक के मैदानों में घुस गया है। इससे न जाने कितने परिवारों
की आजीविका खतरे में पड़ गई है।
एक
ओर जहां विधानसभा के लिए चुनावी जनसभाओं में राजनीतिक नेता जनता की सेवा करने के तमाम
वादे कर रहे हैं, राज्य के एक हिस्से में आई मुसीबत
की सुध लेने की किसी को फुर्सत नहीं। सुरेंद्रनगर के खाराघोड़ा में पिछले 20 दिन में नर्मदा का कई करोड़ गैलन पानी 400 नमक के मैदानों में घुस गया है। इससे न जाने कितने परिवारों
की आजीविका खतरे में पड़ गई है।
150 परिवार प्रभावित
खाराघोड़ा
ब्रांच कनैल, गोरैया ब्रांच कनैल और मालिया ब्रांच
कैनल का पानी लगभग 50 किलोमीटर के क्षेत्र में फैल गया।
इससे वहां का करने वाले 150 परिवारों के पास अब काम नहीं रहा।
नमक
के एक मैदान के मालिक धीरूभाई मंगाभाई ने बताया, 'हमें
यह परेशानी पिछले 20 दिन से है लेकिन प्रशासन के पास
हमारी समस्या सुनने का समय नहीं है। हमने सुरेंद्रनगर के कलेक्टर से इस संबंध में बात
की है।'
एक
मैदान को 70 हजार से लेकर 1 लाख रुपये तक का नुकसान हो सकता है। हालत यह हो चुकी है
कि लोगों ने अपने परिवारों को गांव भेजना शुरू कर दिया है और केवल पुरुष सदस्य ही पीछे
रह गए हैं।
हर
साल होता है ऐसा
खाराघोड़ा
निवासी अंबु पटेल ने बताया कि हर साल रबी की फसल के लिए नर्मदा का पानी छोड़ा जाता
है और ऐसे ही पानी की बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि वह पिछले पांच साल से यह समस्या
उठा रहे हैं। अगरिया हितरक्षक मंच के अध्यक्ष भरत समेरा ने बताया कि लगभग 400 मैदान धुल गए हैं। उन्होंने इस समस्या के स्थायी समाधान
की बात की है।
सरदार
सरवोर नर्मदा निगम लिमिटेड की सौराष्ट्र ब्रांच कैनल के चीफ इंजिनियर आर के झा ने बताया
कि चक्रवात की वजह से सिंचाई की मांग कम हो गई। ऐसे में लोगों ने पानी लेना बंद कर
दिया लेकिन उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी। इस कारण पानी छाड़ा जाता रहा और पूरे क्षेत्र
में भर गया।
चुनाव
में ड्यूटी कर रहे अफसर
झा
ने माना कि चुनाव में ड्यूटी लगे होने से इस समस्या पर सही से ध्यान भी नहीं दिया जा
सका। उन्होंने कहा कि मामले को देखने के लिए एक टीम का गठन किया गया है लेकिन किसानों
की प्रतिभागिता भी जरूरी है। सुरेंद्रनगर के कलेक्टर उदित अग्रवाल ने कहा कि उन्हें
नमक के मैदान में काम करने वालों की समस्या के बार में पता चला है और उन्होंने अधिकारियों
को जांच करने के लिए भेजा है। जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी जाएगी।
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